Hindi Sex StoriesUncategorized

Drishyam, ek chudai ki kahani-21

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series

कालिया ने एक हल्का धक्का मार कर सिम्मी की गीली चिकनी चूत में अपना लण्ड थोड़ा सा घुसेड़ा। सिम्मी इस बार तैयार थी। सिम्मी ने कालिया की और देख कर कुछ मुस्कुरा कर इशारा किया की वह लण्ड को और घुसाए।

कालिया ने और जोर लगा कर एक झटके में आधा लण्ड जब सिम्मी की चूत में घुसेड़ा तब सिम्मी की कराहट निकल गयी। सिम्मी को चूत खिंच कर फूल गयी थी। कालिया ने देखा की सिम्मी आँख बंद कर कालिया के लण्ड को अपने बदन में महसूसकर रही थी।

सिम्मी ने फिर कालिया की और देखा और मुस्कुरायी। पहली दो बार सिम्मी ज्यादातर अपनी आँखें बंद कर कालिया के आक्रमण को झेल रही थी पर इस बार कालिया को सिम्मी में बड़ा फर्क नजर आया। सिम्मी कालिया से चुदवाना चाहती थी और उसमें उसे कोई शर्म, अफ़सोस या घृणित भाव नहीं था।

कालिया ने सिम्मी की मुस्कान को उसकी इजाजत मानकर एक धक्का और दिया और इस बार कालिया का पूरा लण्ड सिम्मी के बदन के अंदर चला गया। मैंने यहां चूत नहीं पर बदन शब्द का इस्तेमाल किया है क्यूंकि कालिया का लण्ड चूत की हद से आगे तक पहुँच रहा था। देखने वाले को सिम्मी के पेट में सिम्मी की नाभि के निचे कालिया के लण्ड से उठी हुई चमड़ी दिख सकती थी।

कालिया के लण्ड के पुरे घुस जाने से सिम्मी का पूरा बदन जैसे आग में जल उठा हो ऐसा तेज दर्द सिम्मी को हुआ। पर सिम्मी इस दर्द के लिए तैयार थी। उसने अपने होंठ भींच कर उस दर्द को झेला और कालिया के पेंडू के और धक्के झेलने के लिए अपने आप को तैयार करने लगी। उसने फिर कालिया की और देखा और कालिया से नजरें मिलाते हुए मुस्कुराई।

फिर सिम्मी ने अपनी आखें बंद कर दीं और जैसे जैसे धीरे धीरे कालिया उसे चोदने लगा तो सिम्मी ने भी अपनी चूत की सुरंग में कालिया के भीषण लण्ड को महसूस करने में ही अपना ध्यान केंद्रित किया।

धीरे धीरे कालिया अपने रंग में आने लगा और उसने सिम्मी को चोदने की फुर्ती बढ़ाई। सिम्मी को अब कालिया की चुदाई का दर्द मीठा सा लगने लगा। वह भी उस दर्द को नजरअंदाज करती हुई कालिया को उसकी चुदाई में कमर और गाँड़ उठाकर कालिया का साथ देने लगी। हालांकि कालिया के धक्के से हिलती हुई सिम्मी हरेक धक्के पर एक सिसकारी जरूर छोड़ती थी।

अर्जुन को इस बार कालिया सिम्मी की भरपूर चुदाई देखने का मौक़ा मिल रहा था। जैसे ही कालिया सिम्मी की चूत में से अपना लण्ड वापस खींचता, लगता जैसे सिम्मी की चूत की चमड़ी भी कालिया के लण्ड के साथ बाहर कुछ हद तक खिंच कर आती थी। सिम्मी की चूत की चमड़ी कालिया के लण्ड से ऐसी चिपकी थी जैसे ऐसा लगता था जैसे वह कालिया के लंड को छोड़ेगी ही नहीं।

Related Articles

कालिया के धक्के इतने तगड़े थे की चाचाजी का पलंग पूरा हिल जाता था। ऐसा नहीं था की पलंग कुछ हल्का था, पार कालिया इतने जोर से धक्के मारता था की ना सिर्फ सिम्मी का बदन बल्कि पूरा पलंग इधर से उधर हो जाता था। सिम्मी की गोरी और सख्त चूँचियाँ भी ऐसे हवा में उड़तीं जैसे कोई गरबा में लड़कियों की चुन्नी लहराती हो।

सिम्मी की चूँचियों की निप्पलेँ कभी इधर तो कभी उधर इशारा कर रहीं थीं। कालिया कभी कभी उन्हें पकड़ कर इतना कस के भींचता की सिम्मी को चूत में हो रही चरमराहट से भी ज्यादा दर्द उठ जाता।

सिम्मी जोर से कराह उठती पर चुदाई की वजह से पलंग की धड़क…. धड़क… धड़क… और जाँघों के टकराव की तपाक…… तपाक…. की आवाज में सिम्मी की कराहटें कहाँ सुनाई देतीं?

कालिया के एक एक धक्के से सिम्मी के बदन में इतनी जबरदस्त रोमांच की बिजली दौड़ जाती। जैसे कालिया का लण्ड बाहर से फिर सिम्मी की चूत में वापस तेजी से घुसता तब उसकी सिम्मी चूत की सुरंग में से गुजरने के समय की जो त्वचा के रगड़ने का उन्माद और उत्तेजना होती वह शब्दों में वरणी नहीं जाती।

यही नशा और यही खुमारी युवा दिलों के अपने प्रियतम से चुदाई के लिए प्रेरित करते हैं। यह भगवान् की खुदा की देन है। चुदाई किसी भी तरीके से गलत नहीं अगर वह एक दूसरे की सहमति से हो।

सिम्मी कालिया से इस बार किसी भी तरह से उन्नीस नहीं रहना चाहती थी। पहली दो बार कालिया ने उस पर जबरदस्ती की थी। कालिया से जितना तो शायद अभी सिम्मी के लिए मुश्किल था पर इस बार वह कालिया को अपने ही मैदान में डट कर मुकाबला कर कड़ी टक्कर जरूर देना चाहती थी।

सिम्मी भी कालिया के धक्के को ना सिर्फ झेल रही थी पर उसे और जोर से चोदने के लिए बार बार प्रोत्साहित कर रही थी। “और जोर से, कालिया और जोर से चोदो। आह….. आह….. ओह…..” की सिसकारियां और कराहटें करती हुई सिम्मी कालिया की चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी।

अब उसे डर था तो बस एक ही की कालिया जैसा तगड़ा मर्द कहीं उसे चोद चोद कर अपना वीर्य उसकी चूत में उंडेल कर उसे गर्भवती ना कर दे। पर कालिया को मना करने पर भी वह थोड़े ही मानेगा अपना वीर्य बाहर निकालने के लिए? और कालिया के लंड के ऊपर कंडोम पहनाने का तो कोई सवाल ही नहीं। उसे पता था की कालिया मानेगा ही नहीं, और फिर सिम्मी के पास कंडोम कहाँ था?

सिम्मी कालिया के एक के बाद एक तगड़े धक्के से पूरी हिल रही थी। अब तक तो वह बड़े उन्माद से चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी। पर जबसे उसे गर्भवती बनने का डर सताने लगा तबसे वह सोचमें पड़ गयी की अब क्या करे? पर इधर कालिया कहाँ उसे छोड़ने वाला था? सिम्मी की चिंता से बेखबर कालिया सिम्मी को एक के बाद एक जबरदस्त धक्के मार कर चोदे जा रहा था।

सिम्मी ज्यादा चिंता करने के बदले अब जो हुआ सो हुआ यह सोच कर वापस चुदाई की लहरों में खो गयी। कालिया का घोड़े का सा लण्ड जो उसकी चूत में कहर ढा रहा था उसे अपनी चूत के अंदर बाहर रगड़ कर होते हुए महसूस कर उत्तेजना की एक के बाद एक सुनामी वह महसूस कर रही थी।

उसके पुरे बदन में कालिया के लण्ड से चुदाई के कारण जो उन्माद और रोमांच हो रहा था उसके कारण उसकी चूत में और उसके बॉल में भी अजीब सी लहरें उठ रहीं थीं।

कुछ ही देर में सिम्मी की उत्तेजना अपने चरम पर पहुंची और कालिया की कमर पकड़ कर सिम्मी कराहती हुई बोली, “चोदो मुझे, कालिया, चोदो। मैं झड़ने वाली हूँ। पर तुम मत रुकना। बिना रुके मुझे चोदते जाओ।

यह कहते कहते ही सिम्मी झड़ गयी। कालिया सिम्मी को चोदने में ही लगा रहा, और सिम्मी भी कुछ देर पड़ी रहने के बाद फिर से कालिया का साथ देने लगी।

सिम्मी के झड़ते ही कालिया भी उत्तेजित हो उठा। उसके लण्ड की रगों में भी वीर्य तेजी से दौड़ रहा था। उसने जबसे सिम्मी को चोदा था तब से इसी बात का इंतजार कर रहा था की कब मौका मिले सिम्मी को चोदने का। उस को महीने से ज्यादा हो गया था। उसने तब तक एकदम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया था।

पहले तो वह मुठ मार कर अपना वीर्य निकल देता था पर जबसे उसने सिम्मी को चोदा था तबसे तबसे उसने तय किया की वह उसका वीर्य बर्बाद नहीं करेगा और जब भी उसे मौक़ा मिलेगा सिम्मी की चूत में ही डालेगा। उसे सिम्मी की चूत के अलावा और कुछ दिख ही नहीं रहा था।

अब जब वह सिम्मी को जोश के साथ चोद रहा था। कालिया का बदन एकदम सख्त था। सिम्मी को कालिया की छाती ही नजर आ आरही थी। जब कालिया सिम्मी पर लेट कर उसे चोदता तो कालिया की छाती के बाल सिम्मी की नाक में चुभते थे। तो कभी कालिया की दाढ़ी उसके माथे को छू लेती थी। कालिया के बदन के पसीने की बू, सिम्मी की चुदाई में बड़ा ही उत्तेजक काम कर रही थी।

सिम्मी को चोदने की उत्तेजना इतनी जबरदस्त थी की वह ज्यादा देर रुक नहीं सकता था। एक धक्के में ही उसके वीर्य का फव्वारा उसके लण्ड के छिद्र से फूट पड़ा। सिम्मी कुछ सोचे और समझे उसके पहले ही कालिया के दिमाग में एक विस्फोट सा धमाका हुआ और कालिया ने सिम्मी की चूत की सुरंग में अपने गरम वीर्य का अविरत प्रवाह पूरी तरह से लबालब भर दिया।

वीर्य छूटने के बाद भी कालिया सिम्मी को बिना रुके चोदे ही जा रहा था। सिम्मी ने कालिया का गरमा गर्म वीर्य जब अपनी चूत की सुरंगों में महसूस किया तो उसकी हवा निकल गयी। उसे यह डर सताने लगा की कहीं कालिया उसे गर्भवती ना बना दे।

सिम्मी कालिया से गर्भ धारण ना हो इस लिए और तो कुछ कर नहीं पायी थी पर कम से कम कालिया और खुद के झड़ ने के बाद वह खड़ी हो कर कालिया का वीर्य अपनी चूत और उसके अंदर की सुरंगों से निकाल दे, यह तो कर सकती थी। इस लिए सिम्मी ने कालिया को चुदाई से रोकने की कोशिश की। पर कालिया कहाँ रुकने वाला था? वह तो झड़ने के बाद भी सिम्मी को चोदे ही जा रहा था।

कालिया की कमर और नीचेका हिस्सा जैसे कोई यंत्र हो वैसे एक के बाद एक धक्के दिए ही जा रहा था। हालांकि कालिया की गति में कुछ परिवर्तन जरूर आया था। अब कालिया सिम्मी को चोदते हुए शुरूआत की जो फुर्ती थी उसे कम फुर्ती से पर शुरूआत का जो जोर था उससे कहीं ज्यादा जोर से एक के बाद एक तगड़े धक्के मार कर अपना लण्ड सिम्मी की चूत में पेले जा रहा था।

आखिर में सिम्मी ने कालिया की अविरत चुदाई कुछ तंग आकर कुछ झुंझला कर कालिया से रुकने को कहा। सिम्मी की बात सुन कर कालिया थम तो गया पर सिम्मी के ऊपर से निचे नहीं उतरा बल्कि सिम्मी की टाँगें, जो कालिया के कंधे पर टिकीं थीं, उन्हें उतार कर खुद अपना महाकाय लण्ड सिम्मी की चूत में ही रखे हुए सिम्मी के ऊपर लेट गया।

पाठक कल्पना कर सकते हैं की कहाँ काला पहाड़सम विशालकाय कालिया और कहां गोरी, नाजुक, छुटकीसी सिम्मी? कालिया की विशाल काया के तले सिम्मी की नन्हीं सी जान सीढ़ी पर बैठे हुए अर्जुन को दिख भी नहीं रही थी।

कालिया ने सिम्मी की और देख कर कुछ कटाक्ष से पूछा, “क्यों, इतनी ही देर में थक गयी मेरी रानी? अभी तो पूरी रात बाकी है।

कालिया की महाकाया के निचे दबी हुई बेचारी सिम्मी कुछ ना बोली। पर सिम्मी की साँसें फूल रहीं थीं। उसे उठ कर कालिया का वीर्य अपनी चूत से निकालना जो था? आखिर में तंग आ कर सिम्मी ने कालिया से कहा, “मैं थकी नहीं हूँ, पर मुझे कुछ देर खड़ी तो होने दे?”

कालिया ने सिम्मी की सॉंस घुटे नहीं इस लिए अपनी दोनों बाजुओं और अपने पाँव पर अपना पूरा वजन डाल कर सिम्मी के बदन से अपना बदन थोड़ा सा ऊपर उठा लिया। पर कालिया ने सिम्मी की चूतमें से अपना लण्ड नहीं निकाला।

कालिया को सिम्मी की चूत में अपना लण्ड रखे रहने से सिम्मी के साथ एक अजीब सा अपनेपन का एहसास हो रहा था। उसे लग रहा था जैसे सिम्मी वास्तव में ही उसकी पत्नी है और उसे कभी भी छोड़ कर नहीं जायेगी। चाहती तो सिम्मी भी नहीं थी की कालिया उसकी चूत में से उसका लण्ड हटाए।

सिम्मी को कालिया का लण्ड उसकी चूत में रहते हुए एक अजीब सी सुरक्षा का आभास हो रहा था। दोनोंओ ही प्रेम पंछी कामवासना के बंधन में एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए थे की अलग होना ही नहीं चाहते थे।

पर सिम्मी का दिल गर्भ धारण करने के भय से तेजी से धड़क रहा था। आखिर उसे भी अपने आप को बचाना था। थोड़ी देर तक वैसे ही कालिया के लण्ड को अपनी चूत में रखे हुए सिम्मी पड़ी रही। फिर मज़बूरी में ना चाहते हुए भी, सिम्मी ने कालिया को अपने बाजुओं से हल्का सा धक्का मार कर कहा, “मुझे उठने दो।”

कालिया हट कर पलंग के निचे खड़ा हो गया। तब सिम्मी खुद कालिया के आगे आ कर ऐसे खड़ी हो गयी जैसे वह पीछे से कालिया से चुदवाना चाहती हो। सिम्मी इस उधेड़बुन में थी की जैसे तैसे उसकी चूत में से कालिया का वीर्य निकल जाए, पर कालिया को ऐसा लगे की सिम्मी पीछे से चुदवाना चाहती है।

सिम्मी की जाँघों के बिच में से कालिया का कुछ थोड़ा सा वीर्य रिसता हुआ सिम्मी की नंगी करारी जाँघों पर दिखने लगा। पर सिम्मी को यकीन हो गया की कालिया का ज्यादातर वीर्य उसकी चूत में जा चुका था। अब जो होना है वह हो कर ही रहेगा।

कुछ देर ऐसे ही खड़ी रह कर सिम्मी ने पीछे मुड़कर कालिया की और देखा। कालिया पीछे से सिम्मी के नग्न पतले सुडौल कमसिन बदन के पिछवाड़े को मंत्रमुग्ध हो कर निहार रहा था। सिम्मी की घुंघराली जुल्फें लगभग सिम्मी की गाँड़ तक पहुँच रहीं थीं।

सिम्मी की लम्बी गर्दन, उसके सुआकार कन्धों के निचे पीछे सिम्मी की पीठ के बगल में से सिम्मी के मादक स्तनोँ की गोलाई का थोड़ा सा आभास, पतली कमर और कमर से निचे गिटार की तरह बड़े ही कामुक घुमाव वाली उसकी चूतड़ और गाँड़ का आकर देख कर कालिया पागल सा हो रहा था। उसे तब भी यकीन नहीं हो रहा था की ऐसी स्वप्न सुंदरी सी लड़की उसे अपना सर्वस्व ख़ुशी ख़ुशी समर्पण कर देगी।

पढ़ते रहिये कहानी आगे जारी रहेगी!

[email protected]

https://s.magsrv.com/splash.php?idzone=5160226

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button
Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
grandpashabet
grandpashabet
grandpashabet
İzmir psikoloji
creative news
Digital marketing
radio kalasin
radinongkhai
gebze escort
casibom
casibom
extrabet giriş
extrabet
sekabet güncel adres
sekabet yeni adres
matadorbet giriş
betturkey giriş
casibom
casibom
casibom
tiktok video indir
Türkçe Altyazılı Porno
grandpashabet bonuslar
Casibom Giriş
deneme bonusu veren bahis siteleri
Deneme Bonusu Veren Siteler 2025
deneme bonusu veren siteler
grandpashabet
marsbahisgrandpashabet güncel girişligobetsetrabet
marsbahismarsbahismarsbahis