Hindi Sex StoriesUncategorized

Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan – Episode 13

This story is part of the Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan series

कुमुद जब कमरे में दाखिल हुई तो देखा की रानी बेहोश सी पलंग पर लेटी हुई थी और कमल उसके सर पर हलके से प्यार से हाथ फिरा रहा था।

कुमुद को आती हुई देख कर कमल थोड़ा सा अचम्भित हुआ। कुमुद ने अपने पति कमल के पास जाकर उसे वहाँ से हटने का इशारा किया और खुद कमल की जगह बैठ गयी।

फिर कुमुद ने धीरे से प्यार से रानी के सर पर हाथ फिराना शुरू किया और हलके से झुक कर रानी के कानों में बोली, “रानी डार्लिंग, उठो और अपनी बड़ी बहन की ऐसी हरकत के लिए कस कर उसे एक थप्पड़ मार कर उससे बदला वसूलो और अपना मन शांत करो। मैं तुम्हारी बड़ी बहन तुमसे माफ़ी मांग रही हूँ, पर यदि तुमने मुझे माफ़ नहीं भी किया तो भी मैं तुम्हारा दोष नहीं दूंगी। मुझे आपको इस तरह जलील करने का कोई हक़ नहीं था और इस लिए मैं आप की दी हुई कोई भी सजा सहर्ष स्वीकार करुँगी। ”

कुमुद की बात सुन कर रानी ने धीरे से अपनी आँखें खोली। कुमुद को प्यार से सर पर हाथ फिराते और केश संवारते देख कर रानी की आँखों में आँसू की बाढ़ आ गयी।

रानी सिसक सिसक कर रोने लगी और कुमुद को अपनी और खिंच कर कुमुद के गले लिपट कर बोली, “बहन, गलती तुम्हारी नहीं है। मैं तुम्हारी गुनहगार हूँ। माफ़ी तुम्हें नहीं मुझे मांगनी चाहिए। आपने जो मुझे थप्पड़ मारा वह तो बहुत ही छोटी सजा थी। आप जो कहेंगीं, मैं वह सजा भुगतने के लिए तैयार हूँ। बस आप मुझे माफ़ कर दीजिये।”

कुमुद ने रानी के होठोँ पर उंगली रखते हुए कहा, “चलो ठीक है। तुम मेरी दोषी हो ना? मैं जो कहूँगी वह सजा तुम स्वीकार करोगी? मुझे वचन दो।”

रानी पलंग पर धीरे से बैठ गयी। रानी ने कुमुद के हाथ अपने हाथ में लिये और उसे दबाकर बोली, “मैं मेरी बहन कुमुद को वचन देती हूँ की जो सजा तुम मुझे दोगी वह बिना सोचे समझे स्वीकार करुँगी। तुम मुझे आत्महत्या करने को कहोगी तो वह भी मैं करुँगी। तुम मुझे अपनी, राज की और कमल की जिंदगी से हमेशा के लिए दूर चले जाने को कहोगी तो मैं वह भी करुँगी। मुझे तुम्हारी कोई भी सजा मंजूर है।”

कुमुद ने रानी के हाथों को संवारते हुए रानी को बिस्तर से धीरे से उठाया और अपनी बाँहों में लिया।

Related Articles

उसने ने रानी से कहा, “देखो बहन, तुम मेरी छोटी बहन और अब मेरी अत्यंत घनिष्ठ और निजी मित्र हो। जैसे हमारे पति एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं वैसे ही हम दोनों भी एक दूसरे के घनिष्ठ हैं। मेरी नजर में सिर्फ तुम ही नहीं, हम चारों एक दूसरे के गुनेहगार हैं। वह ऐसे की यह हमारे दो पति एक दूर से पुरे खुले हुए और एकात्म हैं। ये कोई भी चीज एक दूसरे छुपाते नहीं हैं और करीब करीब सारी खुशियां मिलजुल कर बाँटते हैं। वह एक दूसरे के साथ लगभग पूरी तरह से पारदर्शी हैं। पर जहां तक पत्नियों का सवाल है वहाँ गड़बड़ हो गयी। अब हम दोनों उनके साथ जुड़ गयीं और हमारी मर्जी भी जरुरी हो गयी। इसलिए हमें भी एकात्म होना होगा और अब हम एकात्म हो भी गए हैं। तो फिर मैं तुम्हें, अपने आपको और बाकी हमारे दोनों पतियों को भी यह सजा सुनाती हूँ की हम चारों एक दूसरे से कोई भी बात नहीं छुपायेंगे और एक दूसरे से कोई पर्दा नहीं करेंगे। हम किसी के कोई भी कार्य का बुरा नहीं मानेंगे और एक दूसरे के साथ मस्ती में रहेंगे। क्या यह बात तुम्हें और हम सब को मंजूर है?”

राज और कमल एक दूसरे की और बड़े अचम्भे से देखने लगे। रानी ने तब कुमुद से शर्माते हुए दबी आवाज में पूछा, “बहन तुम्हारी सजा मंजूर है पर मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ तो मैं तो शर्म के मारे मर ही जाउंगी। मुझे कमल जी के सामने बड़ी शर्म और लज्जा आती है। मैं क्या करूँ?”

राज यह सुन कर आगे आया और बोला, “मेरी प्यारी रानी! शर्म और लज्जा स्त्री के आभूषण हैं। लज्जा तो आएगी ही। डार्लिंग, तुम्हें कुछ नहीं करना है। यह सब ऊँची ऊँची गंभीर बातें छोडो। बस हम दोनों पति और दोनों पत्नियां मिलकर यह शपथ लें की अब हम एक दूसरे से कुछ नहीं छुपायेंगे। इसकी शुरुआत हम ऐसे करें की आज रात हम हमारे बिस्तर एक साथ एक ही रूम में लगाएंगे और खूब प्रेम से एक दूसरे से खुली बात करेंगे और एक दूसरे की बातें सुनेंगे। हम चारों के बीच में कोई भेद हम नहीं रखेंगे। हम पति और पत्नी खूब प्रेम करेंगे और एक दूसरे के सामने ही करेंगे। अब हम एक दूसरे से पर्दा नहीं करेंगे। अब हमें पूरी आजादी रहेगी। हम जो चाहे कर सकते हैं। बोलो मंजूर है?”

सब ने मिलकर कहा, ” मंजूर है।”

तब कुमुद थोड़ा मुस्कुरायी और रानी के पास आयी और उसे अपनी बाँहों में लेती हुई बोली, “तू मुझे अपनी बहन कहती है न? और मुझसे ही चोरी छुप्पी? मेरा पति तो पहले से ही लम्पट है। मुझे पता है की वह तुम्हें छेड़े बगैर रहेगा नहीं। तुम्हें छेड़ रहा था न वह? सच सच बोलना। और अगर तू उसे पसंद है ना तो वह तुझे छोड़ेगा भी नहीं।“ इतना बोल कर कुमुद चुप हो गयी और सब की और देखने लगी।

फिर कुमुद ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, “पर आखिर तू भी तो एक स्त्री है और तेरी भी तो अपनी कामनाएं हैं और मजबूरियां भी हैं। मेरे लम्पट और आकर्षक पति को दूर रखना कोई भी स्त्री के लिए बड़ा ही मुश्किल है। उसके ऊपर तुम्हें लपेटने में कमल के सहायक और हितैषी तुम्हारे पति? तुम कहाँ बच पाती? तुम्हारा क्या दोष?” कह कर कुमुद ने रानी को गले लगा लिया।

रानी: “कुमुद तुम मेरी सच्ची बड़ी बहन हो। मैं तुम्हें कभी आहत नहीं करुँगी। यह मेरा वादा है।”

कुमुद अपने पति कमल के पास गयी और बोली, “डार्लिंग, तुम तो सुधरोगे नहीं। तुम अपने आपको क्या समझते हो? कोई लड़की ने ज़रा सी छूट दे दी तो तुम जो चाहो करोगे? अब चलो मेरे साथ मैं तुम्हें इसकी सजा देती हूँ।”

यह कह कर कमल का हाथ पकड़ कर कुमुद अपने पति को खिंच कर दूर बैडरूम में ले गयी। कमरे में पहुंच कर पलंग पर पति को बिठाकर कुमुद स्वयं उसकी गोद में बैठ गयी।

अपने पति कमल को कुमुद ने गले लगा लिया, अपनी बाहों में ले लिया और कमल के कानों में फुसफुसाती हुई बोली, “मेरे चालु लम्पट पतिदेव। बेचारी भोली भाली चिड़िया को फँसा रहे थे? यार निर्लज्जता की भी कोई हद होती है। अपने भाई की बीबी को ही चोदना चाहते हो?”

कमल बड़े ही असमंजस में अपनी बीबी कुमुद को देखता रहा। उसे समझ नहीं आ रहा था की वह क्या बोले। उसने कुमुद का यह रूप कभी पहले नहीं देखा था।

कुमुद बोली, “तुम तो सुधरने से रहे। अब मुझे ही सुधरना पडेगा। मैं कोई गुस्से में नहीं हूँ। तुम्हारे और रानी के बारे में मेरी राज से खुल्लम खुल्ला बात हुई है। अब मुझे तुम से कोई शिकायत नहीं है। अब तक के मेरे रूखे बर्ताव के लिए मुझे माफ़ करना। पर हाँ याद रहे मैं तुम्हारी बीबी हूँ और हमेशा रहूंगी। तुम पर मेरा ही अधिकार है। रानियां तो आएंगी और जाएंगी। और दूसरी बात तुम्हारी खैर नहीं जो मेरे पीछे, मुझसे पूछे बगैर कुछ भी गड़बड़ की। राज से मेरी साफ़ साफ़ बात हुई है। अब हम जो भी करेंगे, साथ में मिलकर करेंगे। बोलो मंजूर?”

कमल को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उस के चेहरे पर तो वैसे ही पहले से ही हवाइयां उड़ रही थीं। अपनी पत्नी का वह रूप देख कर उसकी बोलती बंद हो गयी थी।

कुमुद की बात सुनकर कमल की जान में जान आयी। वह आगे बढ़ा और अपनी पत्नी कुमुद को अपनी बाहों में लेते हुए बोला, “मुझे मंजूर है। तुम बहुत अच्छी पत्नी हो जो मुझ जैसे लम्पट को भी झेल रही हो। अब मैं तुमसे कोई धोखाधड़ी नहीं करूंगा। जो भी करूंगा या तो तुम्हारे सामने या फिर तुमको बताकर करूँगा।”

कुमुद ने जवाब में कहा, “कमल, मतलब तुम अपनी करतूतों से बाज नहीं आओगे? खैर मैं जानती हूँ तुम सुधर नहीं सकते। पर तुम्हारा क्या दोष? मैं भी तो तुम पर बेकार ही इतना गुस्सा कर बैठी और तुम्हें कई रातों तक पास नहीं आने दिया। मैं जानती हूँ सेक्स के बगैर तुम रह नहीं सकते। अब मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी। तुम्हारी ख़ुशी मैं ही मेरा जीवन है। मैं तुम्हारी हूँ और तुम मुझसे जो चाहे कर सकते हो और तुम जो कहोगे मैं करुँगी। मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। मैं तुम्हें किसी भी बात में कभी नहीं रोकूंगी।”

अपनी बीबी की बात सुनकर कमल का मुंह खुआ का खुला ही रह गया। उसकी समझ में नहीं आया की यह सब क्या हो गया था। पर जो भी हुआ इससे कमल खुश था।

कमल ने कुमुद को अपनी बाहों में ऊपर उठा लिया और पूछा, “डार्लिंग क्या बात है? राज के साथ क्या बात हुई जो तुम अचानक ही मुझ पर इतनी मेहरबान हो गयी?”

कुमुद ने अपने पति की और हँसते हुए देखा और कहा, “तुम तो पागल हो, पर रानी तो समझदार है। राज कह रहा था की कमल भैया तो पागल हैं, उनकी बातों का क्या बुरा मानना?”

कमल: “अच्छा तो मैं राज और तुम्हारी नजर में पागल हूँ? तो फिर तो आज मैं अपना पागलपन जरूर दिखाऊंगा। और तुम मुझे रोकेगी नहीं, मंजूर है?”

कुमुद, “अच्छा भाई, वचन दिया की मैं तुम्हेँ बिलकुल नहीं रोकूंगी। बस? अब चलो हम कपडे बदल कर चलते हैं और देखते हैं की राज और रानी क्या कर रहें हैं?”

ऐसा कह कर कुमुद ने कमल को सूटकेस खोल कर अपने पति कमल को उसका कुर्ता पजामा दिया और खुद स्कर्ट और टॉप निकाल फेंका।

कमल अपनी बीबी को ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई देखता ही रहा। कुमुद उस वेश में बड़ी खूबसूरत दिख रही थी। कुमुद की पतली कमर के निचे का घुमाव जो उसकी आकर्षक गांड और चूत में जाकर मिलता था, वह देखते ही बनता था।

वैसे तो उसने कई बार कुमुद को नंगी भी देखा था, परन्तु आज की बात कुछ और थी। जब कुमुद झुक कर गाउन निकाल कर पहनने लगी तो कमल कुमुद के पीछे आ गया।

कुमुद की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर पीछे से अपना लण्ड कुमुद की गांड में घुसाने का नाटक करते हुए कमल ने अपनी बीबी की ब्रा की पट्टी खोल दी और कुमुद की पेंटी को निचे की और खिसकाते हुए बोला, “यह निकालो। ”

कुमुद आश्चर्य से अपने पति को देखती ही रह गयी और बोली, “भाई बात क्या है? यह क्या कर रहे हो?”

कमल ने शरारत भरी नजर से कुमुद की और देखते हुए कहा, “अरे भाई मैं अपनी खूबसूरत बीबी को नँगी देखना चाहता हूँ। मैंने तुम्हें काफी समय से नँगी नहीं देखा है। अरे जब यह ब्रा और पैंटी जल्द ही उतरनी ही है, तो पहनने की क्या जरुरत है?”

कुमुद ने असहायता दिखते हुए कहा, “ठीक है भाई। तुम मेरे पति और स्वामी हो। तुम्हारी बात तो माननी ही पड़ेगी।” कुमुद ने जल्दी ही सिर्फ नाइट गाउन पहना और अंदर कुछ नहीं पहना।

कमल ने भी फुर्ती से अपने कपडे बदले और कुर्ता पजामा पहन कर तैयार हुआ और तैयार होते ही कमल ने अपनी बीबी कुमुद का हाथ पकड़ा और राज के बैडरूम की और चल पड़ा।

[email protected]

https://s.magsrv.com/splash.php?idzone=5160226

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button