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Nayi Dagar, Naye Humsafar – Episode 21

This story is part of the Nayi Dagar, Naye Humsafar series

मेरे मम्मे देखने की उसकी ख्वाहिश पूरी हो चुकी थी और साथ ही मुझे चूमने की भी। अगले पांच मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते ही रहे और उसने अपनी महीनो की अधूरी चाहत पूरी की।

उसके चूमने में एक अपनापन था जो जैक के चूमने में भी था। मेरे होंठो को छोड़ने के बाद उसके होंठ मेरे मम्मो की तरफ बढे और मेरा एक तना हुआ निप्पल अपने होंठ में भर चूसने लगा।

बारी बारी से उसने कभी मेरे निप्पल को चूसा तो कभी अपने मुँह में मेरे मम्मे को भर लिया। मैं उसके चूसने का आनद ले ही रही थी कि उसने अचानक मेरे मम्मे को काट लिया और लव बाइट दे दी। मैं एकदम से चीखी और उस हिस्से को रगड़ कर अपना दर्द मिटाने लगी। तब तक उसने मेरे दूसरे मम्मे पर भी एक निशान दे दिया।

दर्द से ज्यादा मैं इस बात से परेशान थी कि मेरे पति जब इन लव बाइट को देखेंगे और पूछेंगे तो मैं क्या जवाब दूंगी। वो लगातार मेरे मम्मो को को चूसे जा रहा था। चूमते चूमते हुए वो मेरे पेट पर आ गया और मेरा पेट फिर फड़फड़ाने लगा।

उसके इस चूमने से मुझे मजा बहुत आ रहा था और नशे से मेरी आहें भी निकल रही थी। फिर उसने पेट चूमते हुए मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। मैं उसके बालों में हाथ डाल सहलाने लगी। उसने एक हाथ से मेरा पेटीकोट नीचे खिसकाने की कोशिश की।

मैंने खुद ही अपना वजन उठा कर उसको जगह दी और उसने पेटीकोट घुटनो तक नीचे कर दिया। फिर मैंने खुद ही पाँव को झटके मार पूरा पेटीकोट बाहर कर दिया।

उसने अब पेट चूमना बंद किया और मेरी दोनों टांगो के बीच आकर बैठ गया। उसने मेरी नजरो से नजरे मिलाई।

उसके दोनों हाथ मेरी पैंटी पर थे। उसको आखिरकार सामने से मेरी चूत के दर्शन होने वाले थे। धीरे धीरे कर उसने मेरी पैंटी को नीचे किया और जैसे जैसे मेरी चूत दिखने लगी उसकी आँख की चमक बढ़ने लगी।

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उसने पूरी पैंटी निकाल दी और अब मैं नीचे से पूरी नंगी थी। उसने मेरे पाँव फोल्ड किये और ऊपर की तरफ उठा कर चौड़े कर दिए और अपना होंठ मेरी चूत पर रख चाटने लगा। सुबह भी उसने ये कोशिश की थी पर सिर्फ पीछे से थोड़ा चूस पाया था पर अब तो सब उसके सामने था।

वो अपनी तीखी जुबान को मेरी चूत की दरार में ऊपर नीचे तेजी से रगड़ रहा था और मैं दोनों हाथों से सर के नीचे लगे तकिये को कस के पकड़े हुए थी।

मेरा पानी निकलना शुरू हो गया और मैंने आहें भरते हुए उसको रोकने की कोशिश की कि उसे कही गंदा न लगे पर उसे जो जैसे स्वाद लग गया था। वो इस तरह मेरा पानी चाट रहा था जैसे सचमुच का फ्रूट जूस पी रहा हो।

उसने मेरी चूत के होंठो को पकड़ कर चौड़ा किया और मेरी चूत का छेद खोल दिया। मेरी चूत के छेद में अब उसकी जबान थी और वो अपनी जबान से ही मुझे चोद रहा था। कभी उसकी जबान आगे पीछ हो रही थी तो कभी लपलपा कर ऊपर नीचे।

मेरे सब्र का बाँध भी अब टूट रहा था। मैं कोशिश कर रही थी अपनी चुदाई से पहले ही कही झड़ ना जाऊ। अपने शरीर को मैंने कस लिया था ताकि मेरी भावनाये ना बह जाए। पर मेरी सारी कोशिशे बेकार जा रही थी।

उसकी जबान लगातार मेरी चूत को भेद रही थी और मैं अपने शरीर के नियंत्रण को छोड़ रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने हार मान ली और अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और चूत को पुरे मजे लेने की छूट दे दी। मेरा पानी और तेज रिसने लगा और मेरी आहें भी।

मेरी मुँह से लगातार आह्ह अहहह उम्म्म्म ऊह्ह्ह आह आह आह आह करते हुए मैं झड़ गयी। मैं बिस्तर पर धराशाई हो पड़ी थी। व वो अब भी मेरे ताजा निकले पानी को चाट रहा था।

उसने अब अपना मुँह ऊपर उठाया। जैसे लस्सी पीने के बाद सफ़ेद मुछे बन जाती हैं वैसे उसके होंठ मेरे पानी से भीगे हुए थे। उसके भीगे होंठ देख मैं और भी शर्माने लगी।

राहुल: “अब बारी हैं तुम्हारा दूध दुहने की”

मैं: “ये क्या बचपना हैं? वैसे भी मेरे अभी दूध नहीं निकलता”

राहुल: “मजा तो मम्मे दुहने का हैं, दूध आये ना आये”

ये कह कर उसने मुझे हाथ पकड़ कर बैठाया वो मेरे पीछे आया और मेरा ब्लाउज पूरा बाहर निकाल दिया। अब मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसने मुझे गाय तरह बैठने को कहा ताकि वो मेरे मम्मे दुह पाए। मैं अपनी हथेलियों और घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे सीने से मेरे मम्मे नीचे लटक रहे थे।

उसने अपने दोनों हाथों की मुठ्ठी में मेरे निप्पल पकड़े और बारी बारी से दबा कर नीचे खींचता और फिर ऊपर करता। मेरा एक मम्मा नीचे जाता और दूसरा ऊपर, फिर पहला मम्मा ऊपर और दूसरा नीचे। इस तरह वो मेरे मम्मे से दूध दुहता रहा। अगर सच में दूध होता तो वो दूध की गिलास भर लेता।

मैं: “इसमें तुम्हे क्या मजा आ रहा हैं, इसमें तो सर्फ मुझे मजा आएगा”

राहुल: “मैं सिर्फ प्रैक्टिस कर रहा हूँ, एक दिन जब तुम मेरे बच्चे की माँ बनोगी तब मैं ऐसे ही सच में तुम्हारा दूध निकालूंगा”

उसकी बचकानी बातें सुन मैं शरमा गयी और तुरंत वहा से हट गयी। उसने अब अपने सारे कपड़े निकाल पूरा नंगा हो गया। उसका लंड पूरा तन गया था। आखिर उसे मेरी चूत के दर्शन जो हो गए थे। वो नीचे लेट गया और मैंने अपनी साड़ी से उसके दोनों हाथ ऊपर पलंग से बाँध दिए। मैंने उसका लंड अपने हाथ में लिया वो एक गरम लोहे की छड़ समान खड़ा था।

उसको थोड़ा ठंडा करने के लिए मैंने अपने मुँह में रख गीला कर दिया और फिर थोड़ी देर उसे चूसती रही, उसकी आहें शुरू हो गयी थी। मैं उसकी गोटियों को अपनी जबान से ऊपर नीचे रगड़ने लगी।

मैं अब उसके ऊपर सवार हो गयी। आगे झुक कर उसके निप्पल पर अपनी जबान रगड़ी, उसके रोंगटे खड़े हो गए। नीचे उसका लंड बार बार खड़ा हो कर मेरी चूत को छूने की कोशिश कर रहा था।

मैंने अब अपना हाथ नीचे ले जाकर उसके लंड को अपनी चूत में डाल दिया और उसकी एक गहरी आह निकली। मैं अब आगे पीछे गति करने लगी और उसका लंड अपनी चूत में रगड़ती रही। उसकी आह उह आह उह आह चलती रही।

थोड़ी देर में वो भी अपनी लोहे की छड़ को अंदर बाहर धक्का मार रहा था। उसने अब मेरे से गन्दी बातें शुरू कर दी और मैं भी मजे में उसका साथ देती रही, इससे हमारा मजा दुगुना हो रहा था ।

राहुल: “तुम्हारी चूत में क्या हैं?”

मैं: “कोक”

राहुल: “हिंदी में बोलो”

मैं: “लंड”

राहुल: “किसका?”

मैं: “तुम्हारा”

राहुल: “नाम लेकर बोलो, मैं क्या कर रहा हूँ”

मैं: “मेरी चूत में राहुल का लंड हैं ”

राहुल: “क्या कर रहा हैं ये भी बताओ ”

मैं: “चोद रहा हैं”

हम दोनों के झटको की गति एकाएक बढ़ गयी और हमारी सिसकियाँ भी बढ़ने लगी।

मैं: “आह्ह आह्ह राहुल, तुम्हे मुझे चोदना था ना। अम्म हा बोलो, मुझे चोदोगे ना अहअहअहअह”

राहुल: “आआआआआह ओह प्रतिमा तुम्हारी चूत उह्ह्ह मैं चोदूंगा, चोदने दोगी ”

मैं : “हां आह आह तुम्हारी ही हैं ये चूत उउउह जितनी मर्जी उतनी चोद दो। करलो पूरा करलो हां ये वाला कर लो हम्म्म आह्ह उह्ह ”

राहुल: “ओह प्रतिमा, ओह प्रतिमा, आअह्ह ऊहहुहुहु ऊहहुहुहु या या या फक यु फक यु आह आह आह हाथ खोलो मेरे… आह आह …मेरा पानी बाहर आ रहा हैं.. ऊहहु ऊहहु उउउउउउउउउ आअहाहा आअहाहा”

मैं: “उई माँ …निकाल दो पानी मेरी चूत में, हां उह माँ आईईई आअह्ह आअह्ह आअह्ह”

राहुल ने अपना सारा पानी मेरी चूत में खाली कर दिया और हम दोनों झड़ गए।

मैं उसके ऊपर से हटी और उसके हाथ खोल दिए। हम दोनों बाथरूम से साफ़ होकर वापिस आये। हम दोनों नंगे ही बिस्तर में घुस गए और एक दूसरे की तरफ मुँह कर आमने सामने लेट गए। एक बार वो मुझे मेरे होंठो पर चूमता तो एक बार मैं उसे चूमती। हम दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले एक दूसरे की तरफ देखते देखते सो गए।

अगली सुबह मेरी नींद खुली। मैं सीधी लेटी थी और और राहुल मेरी तरफ करवट लेकर लेटा था। उसका एक हाथ मेरे एक मम्मे के ऊपर था और उसकी दोनों टांगो के बीच मेरी एक जांघ फांसी हुई थी। मुझे उसकी बाहों में बहुत ही सुकून मिल रहा था। वो भी शायद उठ चूका था या शायद कोई सपना देख रहा था। उसका लंड एकदम कड़क था और मेरी जांघो को चुभ सा रहा था।

उसके हाथ की मेरे मम्मे पर पकड़ थोड़ी मजबूत हुई और वो मलने लगा। उसने भी अब आँख खोली और मुझे देख मुस्कुराने लगा। उसने अपनी ऊपर वाली टांग थोड़ी और उठा कर मेरी चूत पर ले आया और अपनी टांग से मेरी चूत रगड़ने लगा।

मैं: “क्या हो रहा हैं ये?”

राहुल: “मेरे लंड की गाड़ी को पार्किंग करनी हैं इसलिए तुम्हारी चूत को गराज की तरह तैयार कर रहा हूँ ”

मैं: “कल रात को ही तो पार्किंग की थी, पेट नहीं भरा”

राहुल: “पेट भर गया, अब तुम्हारी चूत को भरूंगा अपने पानी से”

ये कहत हुए वो मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगा। मैंने उसको अपने से दूर किया।

मैं: “पहले मुझे बाथरूम जाकर तैयार होने दो, ज्यादा मजा आएगा। और तुम भी बाथरूम हो आओ”

मैं उठ करअटैच वाशरूम में गयी और पंद्रह मिनट बाद बाथरूम और माउथवाश कर आयी। बाहर आकर देखा वो अभी भी लेटा हुआ था।

मैंने उसको जबरदस्ती वाशरूम में भेजा। मैं अब बिस्तर पर आकर बैठ गयी। मेरा ध्यान मेरे मोबाइल पर गया। जोसफ का भेजा वीडियो अभी तक नहीं देखा था।

मैंने मोबाइल लिया और वो वीडियो देखना शुरू किया।

ये वीडियो राहुल के केबिन का था और उसमें सैंड्रा की भी आवाज थी। ये परसो का वीडियो था जब सैंड्रा और जोसफ डील साइन करें ऑफिस आये थे। वो सारी बातें सुन कर मैं सदमे में आ गयी। वो कुछ इस तरह था:

सैंड्रा: “तो आखिर प्रतिमा को चोद ही दिया तुमने”

राहुल: “थैंक यू, सब तुम्हारी वजह से मुमकिन हुआ। तुम वो गांड मारने की शर्त ना रखती तो प्रतिमा शायद ही मानती मेरे साथ चुदवाने के लिए”

सैंड्रा: “मैं तो उसी दिन करवा देती तुम्हारा मिलन पर उसने तुम्हारी जगह जोसफ को चुन लिया। इस जोसफ को मुफ्त में चुदाई मिल गयी”

राहुल: “तुमने मुझे उसके पुरे कपड़े क्यों नहीं खोलने दिए उस दिन। ”

सैंड्रा: “तुमको कितनी बार बोला मुझे भी कभी चोद दो, कभी हां नहीं बोलते तुम। उस दिन पहली बार तुम्हारा लंड देख के मेरी नीयत ख़राब हो गयी और प्रतिमा की जगह मैं खुद बीच में आ गयी अपनी चुदवाने के लिए । ”

राहुल: “तुमको फिर सजा मिली, गाँड़ फाड़ दी थी तुम्हारी मैंने। पर अभी तक प्रतिमा के बूब्स नहीं देख पाया हूँ”

सैंड्रा: “तो आज सुबह गांड मारते वक्त भी कुछ नहीं दिखाया उसने”

राहुल “नहीं, बहुत शर्मीली हैं। पर एक दिन उसको पूरा पाकर रहूँगा”

सैंड्रा: “तुम इसके पीछे इतना क्यों पड़े हो ”

राहुल: “बचपन से जिद्दी रहा हु, जो माँगा मिला हैं। प्रतिमा ने एक पार्टी में उसको चूमने से मुझे रोक दिया था। मेरे दिल पर लगी थी ये बात। उसी दिन सोच लिया था इसकी चुदाई करूँगा”

सैंड्रा: “बेचारी को बहुत पागल बनाया डील के नाम पर। डील को तो बॉब ने मंजूरी दे ही दी थी । तुम्हारी बॉब के साथ सेटिंग माननी पड़ेगी।”
राहुल “बेवकूफ तो बना दिया, पर.. ”

और वीडियो कट हो गया। मेरे होश फाख्ता हो गए। मुझे बिस्तर तक लाने की ये सब राहुल की चाल थी।

जिस पर इतना भरोसा किया उसने मुझे ही धोखा दिया था। अब मेरा अगला कदम क्या होगा मुझे सोचना था।

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