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Mummy aur mere teacher ki sex kahani-6

This story is part of the Mummy Aur Mere Teacher Ki Sex Kahani series

नमस्कार दोस्तों जैसे आपने पिछले पार्ट में पढ़ा, मैने देखा कि सर की हाथों में कुछ था शायद यही वो सरप्राइज गिफ्ट था। सर के अंदर जाने के बाद मैंने सामने आकर खिड़की से झांककर देखा, कि सर सोफे पर बैठे थे।

मम्मी सर के लिये पानी लेकर आयी, फिर सर मम्मी को देखकर मुस्कराये और पानी का ग्लास लेकर मम्मी को बैठने के लिये कहा। मम्मी सर के सामने बैठ गयी, फिर सर मम्मी के साथ बात करने लग गये।

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सर – रजनी जी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही है। मैं आपके लिये एक गिफ्ट लाया हूं।

फिर सर के मुह से तारीफ सुनकर मम्मी मुस्करायी, फिर सर सोफे से उठे और मम्मी के पास गये। मम्मी चेयर पर बैठी थी सर ने मम्मी को आंखे बंद करने के लिये कहा, तो मम्मी ने भी आंखें बंद कर ली।

सर ने कैरीबैग से एक बॉक्स निकाला और उसमें से नेकलेस निकल कर मम्मी को पहना दिया और उन्होंने मम्मी को आंखे खोलने को कहा। मम्मी वो नेकलेस देखकर बहुत खुश हुयी, मम्मी को वो नेकलेस बहुत सूट कर रहा था।

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मम्मी की गर्दन पर वो अच्छे से फिट हुआ था और उसका पेंडल मम्मी के क्लीवेज पर ख़त्म हो रहा था। मम्मी की खूबसूरती पर वो नेकलेस चार चांद लगा रहा था, और वो सर को बोली।

मम्मी – राज कुमार जी ये तो बहुत महंगा लगता है इसकी क्या जरूरत है?

सर – रजनीजी आपके सामने इसकी क्या कीमत? आप कहे तो आपके लिये जान भी हाजिर है।

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मम्मी ने ये सुनकर सर के होंठो पर उंगली रख दी और बोली – ऐसी बात मत कीजिये।

सर ने मम्मी के पीठ के पीछे हाथ डालकर मम्मी को अपनी और खिंचा, अब मम्मी सर के बाहों में आ गयी थी।

सर – रजनी जी मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूं। मुझे आपको दुनिया की हर खुशी देनी है। आय लव यू रजनी जी, क्या आपको मैं पसन्द हूं?

मम्मी सिर्फ शरमाकर मुस्करा रही थी और वो बोली – जी मुझे भी आप अच्छे लगते है राज कुमार जी आय लव यू टू।

ये सुनकर सर खुश हुये, और मम्मी के होंठो पर होंठ रख दिये। सर मम्मी को बहुत अच्छे से किस कर रहे थे। मम्मी भी सर का साथ दे रही थी, कभी सर मम्मी के दो होंठो के बीच उनका ऊपर होंठ रखते। तो कभी उनके दो होंठो के बीच मम्मी का ऊपर का होंठ लेते बहुत पैशनेटली किस कर रहे थे।

करीब 5 मिनट की किस के बाद दोनों अलग हुये, सर ने मम्मी को बाहों में ले लिया। मम्मी सर के पीठ पर हाथ घुमा रही थी, और सर मम्मी के गांड पर हाथ घुमा रहे थे। लगभग 5-6 दिन में ही सर ने मम्मी को पटा लिया था।

उतने में मैंने बेल बजा दी, उसके बाद मम्मी सर से अलग हुई और वो बोली – लगता है मनीष आ गया है।

तो सर सोफे पर बैठ गये और मम्मी अंदर चली गयी, फिर सर मुझे पढ़ाकर चले गये। अगले दिन सर का मम्मी को कॉल आया था, मैंने रिकॉर्डिंग सुनने लग गया।

सर – हलो रजनी जी क्या कर रही हो?
मम्मी – कुछ नही जी बैठी हूं, आपसे एक बात कहूँ?

सर – हां जी कहो।

मम्मी – आप मुझे जी कह मत बुलाया करो , सिर्फ रजनी बुलाइये।

सर – ठीक है रजनी डार्लिंग जैसा तुम कहो।

मम्मी – अच्छा जी डार्लिंग !!

सर – हां मेरी डार्लिंग, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं काश तुम मेरी बीवी होती !!

मम्मी – अच्छा जी तो क्या कर लेते आप?

सर – अगर तुम मेरी बीवी होती ना, तो दिन रात तुमको मैं प्यार करता तुमसे चिपक कर रहता दिन रात।

मम्मी – इश्श !!!

सर – शरमा मत मेरी जान एक मौका तो देकर देख तुझको मैं कैसे सुख देता हूं।

अब मम्मी कुछ भी नही बोली।

सर – यार डार्लिंग अब मुझसे रहा नही जा रहा। मुझे तुमको खुलकर प्यार करना है, ये ऐसे छुप छुपकर डरके नही कि कोई आ जायेगा।

मम्मी – जी कैसे होगा मनीष दिन में घर पर होता है, और रात को मनीष के पापा आ जाते है।

सर – तुम कुछ करो ना डार्लिंग।

मम्मी – मैं क्या करूं?? इंतजार करिये आप। सब्र का फल मीठा होता है।

सर – हां मेरी जान वो तो मैं जानता हूं, पर तुम जितनी देर करोगी उतनी तुम्हारी उस रात हालत खराब हो जायेगी।

मम्मी – वो कैसे?

सर – तुझे उस रात इतनी दिन की वासना पूरी जो करूंगा, एक बात बताओ डार्लिंग तेरे पति ने तुझे लास्ट कब चोदा था?

मम्मी – जी 2 महीने हुये।

सर – यार नामर्द है क्या तेरा पति! इतनी सेक्सी बीवी होकर कुछ नही करता। मैं तो तुम्हे दो दिन भी प्यासी नही छोड़ता।

मम्मी – नामर्द होता तो मनीष कैसे पैदा होता जी। आप जैसे फिट नही है ना वो।

सर – ठीक है रखता हूं बाद में बात करते है लव यू डार्लिंग।

मम्मी – लव यू टू जी।

ऐसे ही मम्मी और सर का चक्कर शुरू हुआ। अब मम्मी रोज मुझे खेलने के लिये बाहर भेजती और सर मम्मी के साथ घर के अंदर मजे करती थी।

सर चाहे तो जब मैं बाहर होता 1 घण्टे के लिये तभी मम्मी को चोद सकते थे, पर सर की कुछ अलग ही फैंटेसी थी जो आपको आगे पता चल जायेगी।

ऐसे ही 15 दिन हो गये, और एक दिन रात को खाना खाते वक्त पापा ने मम्मी को बताया। कि उनको ट्रेनिंग के लिये दिल्ली 3-4 दिन के लिए जाना पड़ेगा। मम्मी ये सुनकर बहुत खुश हो गयी।

वो कहते है ना किसी चीज को दिल से चाहो, तो वो पूरी होती है। शायद मम्मी और सर के दिल की चाहत पूरी होने वाली थी। मम्मी ने सर को ये बात फोन कर के बताई, और सर भी खुश हो गये।

सर – जब तक तुम्हारा पति घर नहीं आता मैं तुम्हारे यहां ही रहूंगा। मैं भी अपनी बीवी को कहूंगा कि मैं ट्रेनिंग के लिये जा रहा हूं, और तुम्हारे घर आकर रहूंगा ये ठीक है ना? तुम मनीष को कैसे भी करके पटा लेना।

मम्मी – ठीक है।

सोमवार को पापा ट्रेनिंग के लिये चले गये। उस शाम सर अपनी कार लेकर आये थे। सर के अंदर आते ही मम्मी मुझसे बोली – अरे बेटा घर का सामान खत्म हुआ है तुम्हारे पापा को बताना रह ही गया, चलो मैं शॉपिंग करके आती हूं।

उतने मे सर बोले – अरे रजनी जी, आप कहाँ अकेली जा रही है हम भी आते है आपके साथ आपकी मदद करने के लिये, चलो मनीष चलते है।

अब मुझे समझ आया कि ये सब पहले से ही प्लान था, वो दोनों बहुत अच्छा नाटक कर रहे थे। सर ने मम्मी को और मुझे तैयार होने को कह दिया था। मम्मी ट्रांसपेरेंट स्काई ब्लू साड़ी और डीप नेक वाला ब्लाउज औरहोंठो पर लिपस्टिक हाथों में चूड़ियां गले मे नेकलेस पहन कर तैयार हो गयी।

हाई हिल वाले सैंडल में मम्मी आज माल लग रही थी। फिर हम सर की कार में चले पड़े, मम्मी ने ग्रोसरी शॉपिंग की बाद में कार में बैठने के बाद बोली – चलो मनीष बेटा पार्क में जाते है।

मैं – हाँ ठीक है।

पार्क में जाने के बाद मम्मी और सर हाथों में हाथ डालकर चल रहे थे, जैसे वो पति पत्नी हो। गार्डन में सब लड़के और अंकल लोग मम्मी को घूर रहे थे। फिर सर मुझे बोले – जाओ मनीष तुम खेलो हम यहां लॉन पर बैठते है।

मैं भी थोड़ी देर चला गया और एक पेड के पीछे छुपकर मम्मी और सर को देखने लग गया। मम्मी बैठी थी और सर मम्मी के टांगों पर सर रखके सोये थे। मम्मी सर के बाल सहला रही थी और सर मम्मी के पेट पर बूब्स पर हाथ फेर रहे थे।

मुझे आते देख मम्मी ने सर को उठाया और फिर सर हड़बड़ाये और वो बोले – चलो कुछ चाट भेलपुरी खाते है।

फिर हमने वहां पेट भरके खाया और उसके बाद सर मम्मी को वो बोले – सामने कुछ कपडो की दुकाने है, आपको कुछ लेना हो तो चलो चलते है।

फिर हम एक लेडीज दुकान पर गये, तो वहां का सेल्समैन सर से बोला – हां जी सर बोलिये क्या दिखाऊँ मैडम के लिये?

शायद वो मम्मी और सर को पति पत्नी समझ रहा था, और मुझे उनका बेटा। और समझे भी क्यों न सर मम्मी दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डालकर चिपक कर जो चल रहे थे।

फिर सर ने उसको एक लाल कलर की ट्रांसपरेंट वर्क वाली साड़ी दिखाने को कहा, फिर उसमें से एक साड़ी सर ने मम्मी के लिये ली। सर और मम्मी के साड़ी के चॉइस को और उनका एक दूसरे के प्रति बर्ताव देखकर सेल्स मैन को पता चल गया था, कि ये रंगीन मॉडर्न कपल है।

फिर सर बिल देने के लिये जा ही रहे थे, तो वो सेल्समैन ने सर के पास गया और वो बोला – सर हमारे यहां लेटेस्ट मॉडर्न ब्रा पेंटी का सेट आया है। आप कहे तो मैडम के लिये दिखा दूँ?

ये सुनकर सर मेरी ओर देखने लगे, फिर मम्मी को देखा तो मम्मी शरमा रही थी। तो सर ने उसको दिखाने को कह दिया। सेल्समेन ने एक से बढ़कर एक हॉट सेक्सी सेट दिखाये, सर मम्मी को उस ब्रा पैंटी मे आंख बंदकरके इमैजिन कर रहे थे।

और सर ने मम्मी के लिये चार सेट लिये, जो अलग अलग स्टाइल के थे। सर की चॉइस देखकर सेल्समैन भी सर की तारीफ कर रहा था, और सर मम्मी को देखकर मुस्करा रहे थे ।मम्मी बस शरम के मारे लाल हो रही थी।

उसके बाद हम घर के लिये निकले, सर ने एक जगह गाडी रोकी। मैंने देखा सर मेडिकल स्टोर पर जा रहे थे। और सर ने कुछ 10-12 छोटे छोटे पैकेट लिये, और मम्मी के साइड विंडो से मम्मी को दि दिए और आंख मार कर वो बोले – बस होंगे ना इतने या और लूँ?

मुझे उस समय पता नही चला, मैने सर से पूछा तो सर ने कहा कि ये उनकी दवाई है। फिर हम घर पर आये, तो मम्मी ने मुझको किचन में बुलाया और कहा।

मम्मी – बेटा तेरे पापा नही है, और सुना है कॉलनी में चोर घूम रहे है रात को। राज कुमार जी को आज रात रुकने के लिये बोलू क्या? वैसे भी उनके घर पर भी कोई नही है।

मैं – ठीक है मम्मी, मुझे भी पापा नही होते तो डर लगता है।

फिर मम्मी ने सर को हॉल में आकर कहा – राज कुमार जी आप आज यही रुक जाइये मनीष भी यही कह रहा है।

ये सुन कर सर ने तुरन्त हां कर दी। दोनों बहुत अच्छे से नाटक कर रहे थे, और मैं भी हां करते जा रहा था। क्योंकि मुझे भी उन दोनो की चुदाई देखनी थी, उस रात सर हमारे यहां ही रुक गये।

अब अगले पार्ट में पढिये उस रात क्या होता है? सर कैसे उनकी कामवासना पुरी करते है? मम्मी सर से खुश होती है या नही?

आपको मेरी कहानी पसन्द आयी है तो प्लीज इसे लाइक कीजिये।

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