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Ek Saath Do Mardo Ke Sath – Episode 1

हैलो दोस्तो, मैं सानिया खान उत्तर प्रदेश से एक बार फिर अपनी चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी पेष कर रही हूं। जैसा कि पहली कहानी में बताया कि मेरी आयु 29 साल, कद 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा और फिगर का साईज़ 36डी-28-38 है।

मैं ज्यादातर टाईट जींस के साथ टाईट टॉप या बॉडी फिट शर्ट पहनती हूं या फिर साडी़ पहनती हूं। आम तौर पर घर से बाहर जाते टाईम हाई हील के सैंडल पहनती हूं और नज़र का चश्मा लगाती हूं। मैं शादी शुदा हूं और दो बच्चों की मां हूं लेकिन बदन एकदम टाईट और सेक्सी है।

जैसा कि मैंने पहले बताया कि शुरू से ही मुझे लड़कों और मर्दों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी रही है। अच्छे लड़कों और मर्दों के देखकर मेरा दिल मचलने लग जाता है। और अब तो मैं एक ब्वॉयज कॉलेज में लाइब्रेरीयन हूं तो चारों तरफ लड़के ही लड़के देखकर खिल उठती हूं। अभी ज्यादा टाईम न लेते हुए कहानी पर आती हूं।

पिछली कहानी में मैंने बताया कि मैंने एक बस कंडक्टर के साथ दोस्ती करके उससे अपनी चूत और गांड की चुदाई करवाई। ये किसी मर्द से मेरा पहला और आखिरी संबंध था जो आठ माह तक चला बाकी लड़कों और मर्दों से तो ज्यादा से ज्यादा दो माह चुदाई के बाद बदल लेती हूं। उसके बाद हम दोनों चुदाई करने लगे और हम चुदाई करने से पहले पोर्न मूवी जरूर देखते थे।

मूवी देखने के बाद हम दोनों वैसे ही चुदाई करते जैसे मूवी में में होती थी। हमें चुदाई करते छ माह बीत चुके थे, इस बीच राज ने मुझे एक मूवी दिखाई जिसमें दो लड़के मिलकर एक लड़की की चुदाई करते हैं और लड़की बहुत मजे से उन दोनों लड़कों से चुदाई करवाती है। लड़की एक ही टाईम दोनों लड़कों का लंड अपनी चूत एवं गांड में लेकर मजा लेती है।

मैं मूवी में ऐसी चुदाई देखकर पागल सी हो गई और दिल करने लगा मैं भी एकसाथ दो लंड से चुदाई करूं। मैंने राज से कहा मुझे भी ऐसे ही चुदाई करनी है। राज को लगा मैं मजाक कर रही हूं और बोला ऐसे तो रंडी ही चुदाई कर सकती है शरीफ लड़की नहीं।

मैंने पलट कर कहा तुझे किसने कहा मैं शरीफ हूं। राज ने मेरी तरफ गौर से देखा और कहा क्या मतलब किसने कहा मैं कह रहा हूं न तुम शरीफ लड़की हो। मैंने कहा भाड़ में जाए ऐसी शराफत मुझे चुदाई के मजे लेने हैं तुम चुदवा दो नहीं तो मैं खुद ढूंढ लूंगी। राज ने कहा पागल हो गई क्या।

मैंने कहा मैं चुदाई केलिए पागल हूं तुम बताओ अगली बार साथ किसी और से चुदवाओगे या नहीं। राज हंसने लगा। मैंने कहा हंस क्यों रहा है तो बोला मुझे पता था कि तुम बहुत लोगों का लंड लोगी पर इतनी जल्दी लेने लग जाओगी ये पता नहीं था।

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फिर राज ने कहा मेरा एक दोस्त है उसकी आयु भी मेरे जितनी है उसने कई बिर तुझे देखा है और तुझे चोदना भी चाहता है क्या वो चलेगा। मैंने कहा एक बार दिखा दो उसको पता चले बिना। उसने कहा ठीक है अभी दिखा देता हूं।

वो मुझे अपनी कार में बैठा कर आनाज मंडी की तरफ ले गया। वहां कुछ ट्रकों में चावल भरे जा रहे थे। वहां एक आदमी कुछ पर्चियां लेकर खड़ा देख रहा था। राज ने उसकी तरफ इशारा करके कहा वो सामने खड़ा है।

मैं उसको गौर से देखने लगी तभी राज ने बताया कि उसका नाम भोला सिंह है और जो वहां ट्रक खड़े हैं वो उन सब का मालिक है। वो पंजाबी है और यहां सीज़न के टाईम आता है अच्छे पैसे बन जाते हैं। मैं उसको निहारने लगी उसकी आयु करीब 45 साल की थी और हट्टे-कट्टे जिस्म वाला था।

उसका रंग गोरा और दिखने में सुंदर था। मैं कार से उतर कर आगे चली गई और ट्रक के पीछे छुपकर पास से देखने लगी। उसका चेहरा क्लीन शेव और क्यूट लगा। उसकी आंखों एवं बालों का रंग एकदम काला था। उसके नैन नक्श तीखे और बहुत प्यारे थे।

उसका कद करीब 5 फीट 9 इंच और जिस्म मजबूत एवं बिल्कुल फिट था। उसको ठीक से देखने के बाद में वापिस कार में आ गई और राज को चलने को कहा। मैंने राज को उसको लाने को कहा और ये भी कहा अगर लपर बाल हुए तो वो साफ करके आए क्योंकि मुझे बाल रहत लंड अच्छा लगता है। राज ने कहा जो हुक्म सरकार और मैं हंसने लगी।

फिर राज मुझे बस स्टैंड छोड़ने चल दिया ताकि अपने घर चली जाऊं। रास्ते में राज ने कहा सानिया मैंने तुम्हारी चूत एवं गांड चोद कर तुझे लड़की से औरत बनाया था लेकिन अगली चुदाई में मैं और भोला तुझे मिलकर चोदेगें। इस चुदाई के बाद तुम औरत से रंडी बन जाओगी।

राज ने आगे कहा सानिया भगवान ने मेरी किस्मत कितनी अच्छी लिखी है कि मैंने ही तुझे चोद कर लड़की से औरत बनाया और अब जब तुम रंडी बन जाओगी तब भी मैं ही बना रहा हूं। मैं हंसने लगी और उसकी गाल को चूम लिया। बस स्टैंड के पास आकर राज ने कहा सानिया मेरा लंड फिर खड़ा हो गया है।

मैंने कहा राज दिल तो मेरा भी कर रहा है पर लेट हो जाऊंगी और घरवालों को क्या जवाब दूंगी। राज थोडा़ मायूस सा हो गया तो मैंने कहा राज तुम मुझे किर से गा़ल के कच्चे रास्ते पर ले चलो वहां कुछ करते हैं और जब बस गांव पहुंचेगी तब मैं भी निकल जाऊंगी। राज ने गाडी़ तेजी से चलाई और जल्दी ही हम कच्चे रास्ते पर पहुंच गए।

राज ने गाडी़ पेडो़ं के झुंड के बीच लगा दी और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। राज ने गाडी़ सी सीटें पीछे की तरफ गिरा दीं और मेरी जींस नीचे करके मेरी चूत चाटने लगा। फिर मैंने उसको सीट पर बैठा कर उसका लंड चूसा और फिर मैं उसकी गोद में आ गई। पहले मैं उसका लंड अपनी चूत में लेकर चूत चुदवाई और फिर गांड में लंड लेकर उछलने लगी। वो मेरे बूब्ज़ दबाते हुए मेरी चुदाई करने लगा।

आखिर उसने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। हमने कपड़े ठीक किए और तभी बस के हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी। मैं वहां से निकल कर घर आ गई और राज वापिस चला गया। रात को राज का फोन आया कि वो और भोला शनिवार को चुदाई करेंगे और मुझे टाईम से आने को कहा क्योंकि रविवार शाम को भोला ने पंजाब अपने घर चले जाना था। मैंने हां कर दी।

अभी शनिवार आने को चार दिन बाकी थी और मैं एकसाथ दो लंड लेने की कल्पना करके बहुत गर्म हो रही थी। लग रहा था जल्दी शनिवार आ जाए। शुक्रवार को जब मैं कॉलेज से घर गई तो अब्बा ने पूछा सानिया कल को कॉलेज़ में कोई जरूरी काम तो नहीं तो मैंने कहा नहीं अब्बा कुछ नहीं है।

अब्बू ने कहा कल कॉलेज मत जाना क्योंकि कल को हम सब मामा जान के घर जा रहे हैं। मुझे अपने अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। मैंने कहा अब्बा कॉलेज में तो कुछ खास नहीं है लेकिन सोमवार को एक जरूरी टेस्ट है उसकी तैयारी करनी है। साथ ही एक झूठ और बोला कि उस टेस्ट में अच्छे नंबर आना जरूरी है ये नंबर फाइनल पेपरों में भी लगने हैं।

अब्बा ने कहा लेकिन हमें जाना ही होगा मामा जान का बेटा बीमार है तो वहां तीन चार दिन लग जाएंगे टेस्ट तो नहीं दे पाओगी। मैंने कहा अब्बा बहुत जरूरी है नहीं तो नंबर कम आएंगे तो अब्बा बोले कोई बात नहीं नंबर कटते हैं तो कटने दो यहां अकेले नहीं छोड़ सकते। मेरा चेहरा उतर गया और अम्मी का दिल पसीज़ गया।

अम्मी बोली मेरी लाडली बेटी मायूस मत हो मैं कुछ करती हूं। अम्मी ने अब्बा से कहि देखो जी बेचारी का चेहरा कैसे उतर गया है। नसीब से ऐसी बेटी मिली है जोओ इतनी मेहनत से पढ़ाई करती है। हम चले जाते हैं ये यहां रहकर पढ़ लेगी। इसके पास फातिमा अम्मा रह जाएगी हम उसको बुला लेते हैं।

अब्बा ने हां कर दी और फातिमा अम्मा को बुला लिया। फातिमा अम्मा गांव से ही है और दूर के रिश्ते में है। उसकी आयु 70 साल से ज्यादा है। उसको कम दिखाई देता है और सुनाई बिल्कुल भी नहीं। मैं खुश हो गई कि काम बन गया और अम्मी की बातों पर हंसी आई कि मैं मेहनत से पढ़ाई नहीं चुदाई करुंगी।

रात को मैंने राज को फोन किया और पूछा क्या वो रात को मेरे घर आ सकते हैं। उसने हां कर दी और मैंने साथ में शराब, सिगरेट, बीयर और सेक्स की गोलियां लाने को भी कहा। पहले घर से बाहर शराब सिगरेट पीती थी तो कम पीती थी ताकि घर में पता न चल जाए पर अब कोई डर नहीं था तो खुल के नशा करना था।

अभी सोने ही लगी थी कि मन में आया कि क्यों न नशीले कैप्सूल का मजा भी किया जाए। मैंने फिर राज को फोन किया और नशे के कैप्सूल के बारे पूछा। उसने बोला ले आएगा और मैं सो गई।

यह हिन्दी सेक्स कहानी अभी जारी रहेगी, पढ़ते रहिएगा..

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